त्वचा हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो हमें बाहरी दुनिया से संरक्षित रखता है। यह तीन परतों – एपिडर्मिस, डर्मिस, और हाइपोडर्मिस – से मिलकर बनी होती है और कई महत्वपूर्ण कार्यों का निर्वहन करती है। इस लेख में, हम त्वचा की संरचना (skin anatomy) और कार्यों के बारे में जानेंगे, साथ ही त्वचा के प्रकार के बारे भी बात करेंगे।
त्वचा की परिभाषा व परिचय |Definition and introduction of skin in hindi
skin anatomy त्वचा शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है । यह हमारे शरीर का बाहरी आवरण है, त्वचा ने हमारे पूरी बॉडी को कवर किया हुआ है । त्वचा सॉफ्ट केराटिन से मिलकर बनी होती है जिसे collagen कहते है। एक सवस्थ मनुष्य की स्किन का वजन लगभग 6-7 पोंड होता है, यह 20 फ़ीट तक होती ह जो पुरे शरीर पर लिपटी होती है और पैर में 1/4 इंच मोटी स्किन होती है। स्किन को Derma भी कहते है।, और स्किन के अध्यन को डर्मेटोलॉजी बोलते है। इसके अध्ययन कर्ता को डर्मेटोलॉजिस्ट कहा जाता है । मुख्याता स्किन की तीन लेयर है।
Table of Contents
त्वचा की लेयर |skin layers in hindi |skin anatomy
त्वचा की 3 लेयर होती है ।
एपिडर्मिस लेयर (epidermis layer)
यह स्किन की सबसे ऊपरी लेयर होती है , जो मृत कोशिकाओं से मिलकर बनी होती है। यह लेयर एक जलरोधक की तरह कार्य करती है , एपिडर्मिस लेयर यह स्किन को टोन करती है , स्किन टोन और कलर विशेष कोशिकाओं द्वारा निर्मित होता है जिन्ह मेलनॉइट्स (melanocytes) कहा जाता है जो एपिडर्मिस लेयर में होते है ।
डर्मिस लेयर (dermis layer)
यह लेयर एपिडर्मिस के नीचे होती है। 2 लेयर इसे आतंरिक लेयर भी कहा जाता है। इस लेयर के अंदर ब्लड वेसल( blood vessels) , हेयर फॉलिकल ( hair follicle), स्वेट ग्लैंड (sweat glands) , ऑयल ग्लैंड(oil glands) और नेर्वेस(nerves) होती है। डर्मिस लेयर दो लेयर से मिलकर बनी होती है।
पपिल्लरी डर्मिस(papillary dermis)
यह ऊपरी व पतली लेयर होती है जो हेयर फॉलिकल्स को पोषण देती है।
रैटिकुलर डर्मिस(reticular dermis)
यह निचली व मोटी लेयर होती है इसमें संयोजी ऊतक होते है जो एपिडर्मिस लेयर को सहारा देती है ।
ह्यपोडर्मिस लेयर hypodermis /subdermis layer
यह स्किन की सबसे निचली लेयर होती है, इसे डीपर सबक्यूटेनियस टिश्यू (deeper subcutaneous tissue) के रूप में भी जाना जाता है । यह लेयर वसा और संयोजी ऊतक से मिल कर बनी होती है। जिसका कार्य एपिडर्मिस और डर्मिस लेयर को झटको से बचाना होता है ।
त्वचा के कार्य | functions of skin in hindi
त्वचा के 6 मुख्य कार्य होते है ।
संरक्षण (Protaction)
त्वचा शरीर का बाहरी आवरण है जो शरीर की आतंरिक परत को सुरक्षित रखता है धूल , सूक्ष्मजीव , रासयन और अस्थिर तापमान से भी शरीर को बचती है ।
विनियमन (reguletion)
स्किन बॉडी का तापमान घटने व बढ़ने में मदद करती है यह एक रेगुलेटर की तरह कार्य करती है जैसे गर्मी में अधिक पसीना आता है जिस से शरीर के तापमान को कम करने में मदद मिलती है । और सर्दी में बाहरी वातावरण ठण्ड रहता है इसलिए शरीर के आतंरिक तापमान को कम नहीं होने देती है ।
सेंसेशन (sensation)
स्किन हमे महसूस करने में मदद करती है जैसे ऊष्मा , ठण्ड , स्पर्श , दर्द आदि यह सभी तंत्रिका कोशिका के कारण होता है ।
संश्लेषण (synthesis)
स्किन विटामिन डी के मुख्य स्रोतों में से एक है । यह सूर्य के प्रकाश से विटामिन डी को अवशोषित करती है और एपिडर्मिस लेयर दो लेयर में सूर्य के प्रकाश को विटामिन डी में परवर्तित करती है ।
अवशोषण (Absorption)
अवशोषण का तात्पर्य बाहरी दुनिया से है, हम अपनी त्वचा के माध्यम से कुछ विटामिन, दवाएं (एक हाइड्रोकार्टिसोन क्रीम के बारे में सोचें), गैसें (ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड), साथ ही कई अन्य पदार्थ अवशोषित कर सकते हैं।
उत्सर्जन (excretion )
उत्सर्जन से तात्पर्य शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालना है। पसीना इन अपशिष्ट पदार्थों से छुटकारा पाने का एक तरीका है। हम वाष्पीकरण की प्रक्रिया के माध्यम से त्वचा से पानी को बहार निकाल देते हैं।
त्वचा के प्रकार |Type of skin
त्वचा 5 प्रकार की होती है
- नार्मल स्किन
- ऑयली स्किन
- ड्राई स्किन
- सेंसिटिव स्किन
- कॉम्बिनेशन स्किन
सामान्य त्वचा: सामान्य त्वचा अच्छी तरह से संतुलित होती है, न तो बहुत तैलीय और न ही बहुत शुष्क। इसमें अच्छे छिद्र, अच्छा परिसंचरण और चिकनी बनावट है। इसमें आम तौर पर संवेदनशीलता या दाग-धब्बे होने की संभावना नहीं होती है।
शुष्क त्वचा: शुष्क त्वचा में नमी की कमी होती है और उसमें जकड़न या खुजली महसूस हो सकती है। यह नीरस, खुरदुरा और परतदार दिखाई दे सकता है। शुष्क त्वचा अक्सर आनुवंशिकी, उम्र बढ़ने, मौसम या अत्यधिक स्नान जैसे कारकों के कारण होती है।
तैलीय त्वचा: तैलीय त्वचा अतिरिक्त सीबम का उत्पादन करती है, जिससे चमकदार रंगत, बढ़े हुए छिद्र और मुँहासे या ब्लैकहेड्स की प्रवृत्ति होती है। यह आनुवांशिकी, हार्मोनल उतार-चढ़ाव या पर्यावरणीय कारकों के कारण हो सकता है।
संयोजन त्वचा: मिश्रित त्वचा में तैलीय और शुष्क त्वचा दोनों की विशेषताएं प्रदर्शित होती हैं। आमतौर पर, टी-ज़ोन (माथा, नाक और ठुड्डी) तैलीय होता है, जबकि गाल सूखे या सामान्य हो सकते हैं। दोनों क्षेत्रों में संतुलन बनाना एक चुनौती हो सकती है।
संवेदनशील त्वचा: कुछ उत्पादों, पर्यावरणीय कारकों या अन्य ट्रिगर के संपर्क में आने पर संवेदनशील त्वचा में लालिमा, खुजली, जलन या सूखापन जैसी प्रतिक्रियाएं होने का खतरा होता है। यह आनुवांशिक कारकों, एलर्जी या पर्यावरणीय परेशानियों के कारण हो सकता है। संवेदनशील त्वचा वाले लोगों को अक्सर कोमल त्वचा देखभाल उत्पादों का उपयोग करने और कठोर रसायनों, सुगंधों और अन्य संभावित परेशानियों से बचने की आवश्यकता होती है।
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